...

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मेरा प्यार
मेरी दास्तां मेरी कहानी है ये
अफसोस मुझको सुनानी है ये
दीवाना था उसका पागल था मैं
आवारा सा एक बादल था मैं
मेरी आंखो का पानी थी वह
मेरे दिल की रानी थी वह
मेरे चेहरे की रौनक थी
मेरी आंखों की ठंडक थी
मेरे दिल की वह दस्तक थी
मेरे चेहरे की रौनक थी
मेरे दिल की यह धड़कन थी
बेपनाह उसे मैं प्यार करता था
ख़ुद से भी ज्यादा एतबार करता था
मैं जो बेकरार होता था तो वो बेचैन होती थी
मैं जो रातों को जागता था
तो वो भी कहां चैन से सोती थी
मेरे साथ वादे करती थी और कसमें खाती थी
मुझ पर भी वह बहुत प्यार लुटाती थी
किस्से मुझे वह वफा के सुनाती थी
उदास होता मैं तो मुझको हंसाती थी
इश्क थी वह मेरा और मेरा जुनून थी
दिन का चैन थी वह रातों को सुकून थी
मालूम न था मुझको वह मुझे यूं तनहा छोड़ जाएगी
आते ही मेरे बुरे दिन मेरा साथ छोड़ जाएगी
मैं तुम्हारी दुख सुख के साथी हूं हर पल वह यह कहती थी
लेकिन कुछ दिनों से न जाने वह किन सोचों मे रहती थी
बदलने लगा था उसका प्यार धीरे-धीरे
मेरी चाहत से कर रही थी वह इनकार धीरे-धीरे शायद उसे कोई और मिल गया था
उसका दिल चुरा कर ले गया था
मेरे इतने सालों का साथ वो पल में छोड़ गई
बहुत रोया में उसके लिए वह सिसकता छोड़ गई मेरे आंसुओं उसके दिल को पिघला ना सके
मेरे दिल का दर्द भी उसको वापस लाना सके लेकिन इस दिल की बस यही दुआ है जहां भी रहे खुश रहे
कोई इतनी सी भी तकलीफ ना हो
ऐसा कोई ख्वाब ना हो उसका जिसकी ताबीर ना हो
मेरा दिल अब भी उसको बहुत याद करता है
बार-बार उससे मिलने की फरियाद करता है
बहुत समझाया इस दिल को लेकिन मानता ही नहीं किया है उसने मेरे साथ क्या जैसे जानता ही नहीं उस बेवफा से उम्मीद न थी मुझे इस तरह मेरा दिल तोड़ेगी
बीच समंदर में लाकर तन्हा छोड़ेगी
लेकिन कोई शिकवा नहीं है मुझे उससे
मेरी तकदीर में यहीं था शायद
उससे बिछड़ना मेरा नसीब था शायद।