शंश्यकीआवृति में व्याप्ति!! व्याप्ति में पर्याप्ति एक शंश्यकीआवृति का वर्णन।।
वह लोक्तिका शंश्यकीआवृति में व्याप्ति कर श्शय की खोज में स्वयं के द्वारा ही शंश्यकीआवृति में व्याप्ति का एक विषय प्रसंग श्रवणेन्द्रिय श्रोतांक भाई जाति होवत होहियी।।
प्रथम कुंज ए स्तंभ की स्तुति स्तोत्र की आवृत्ति
में शंश्यकीआवृति का वर्णन देखा -
प्रथम कुंज ए स्तंभ स्तुति स्तोत्र आवृत्ति में से ही
देखा जहां प्रथम कुंज ए स्तंभ स्तुति स्तोत्र आवृत्ति।।
तो अब तक आपने ने सुना की प्रथम कुंज ए कुंभ ज्योति जागृति स्तंभ स्तुति स्तोत्र में देखी वह आवृत्ति जो कि स्वयं के लिए स्वयं द्वारा ही शंश्यकीआवृति में व्याप्ति होकर यह संबोधित कर रही थी कि उसने प्रथम कुंज ए कुंभ में स्तंभ...
प्रथम कुंज ए स्तंभ की स्तुति स्तोत्र की आवृत्ति
में शंश्यकीआवृति का वर्णन देखा -
प्रथम कुंज ए स्तंभ स्तुति स्तोत्र आवृत्ति में से ही
देखा जहां प्रथम कुंज ए स्तंभ स्तुति स्तोत्र आवृत्ति।।
तो अब तक आपने ने सुना की प्रथम कुंज ए कुंभ ज्योति जागृति स्तंभ स्तुति स्तोत्र में देखी वह आवृत्ति जो कि स्वयं के लिए स्वयं द्वारा ही शंश्यकीआवृति में व्याप्ति होकर यह संबोधित कर रही थी कि उसने प्रथम कुंज ए कुंभ में स्तंभ...