माटी का मटका
माटी का मटका फूटा निकल गई रूह इससे
माटी का मटका जा मिला मिट्टी में फिर से
रूह चली नये मटके को बनाने फिर से
पता नहीं कैसा मिलेगा नया मटका फिर से
हुये थे जैसे कर्म इस रूह से
उसी के अनुसार नया मटका पाएगी फिर से
कितने मटके बदले इस रूह ने
कब तक बदलती रहेगी नये मटके फिर से
क्या बस यूही भटकती रहेगी रूह
या अपनी स्थाई जगह पायेगी रूह कब से
माटी का मटका जा मिला मिट्टी में फिर से
रूह चली नये मटके को बनाने फिर से
पता नहीं कैसा मिलेगा नया मटका फिर से
हुये थे जैसे कर्म इस रूह से
उसी के अनुसार नया मटका पाएगी फिर से
कितने मटके बदले इस रूह ने
कब तक बदलती रहेगी नये मटके फिर से
क्या बस यूही भटकती रहेगी रूह
या अपनी स्थाई जगह पायेगी रूह कब से