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नया साल
आने वाला पल कुछ कहता है,
जाने वाला पल कुछ यादें देता है।
हम आज और कल में जीते रहते हैं,
यादों के सपनों में हम खोए रहते हैं।
जिंदगी को हम ऐसे जीते रहते हैं,
कल क्या हो सब अनजान रहते हैं।
हर नए सवेरे में एक नई ख्वाइश होती है,
उस ख्वाहिश को पूरा करने के लिए हम तड़पते रहते हैं।
इसी कशमकश में हम रोज जीते रहते हैं,
और हम अपनी आज की खुशी को खोते रहते हैं।
जिंदगी के रंगमंच में हम हर किरदार जीते हैं,
और असली किरदार को हम अनदेखा कर देते हैं।
इस नए साल में हम कुछ नया करें,
छोटी-छोटी खुशियों को जीना शुरू करें।
कल को कल पर छोड़ दीजिए,
आज मैं अपने को जी लीजिए।
जिंदगी और कुछ भी नहीं,
दो पल का मेला है।
जो जितना देखेगा,
वह उतना खुश रहेगा।
जो जितना लेगा,
वह उतना दुखी रहेगा।
© Anu
जाने वाला पल कुछ यादें देता है।
हम आज और कल में जीते रहते हैं,
यादों के सपनों में हम खोए रहते हैं।
जिंदगी को हम ऐसे जीते रहते हैं,
कल क्या हो सब अनजान रहते हैं।
हर नए सवेरे में एक नई ख्वाइश होती है,
उस ख्वाहिश को पूरा करने के लिए हम तड़पते रहते हैं।
इसी कशमकश में हम रोज जीते रहते हैं,
और हम अपनी आज की खुशी को खोते रहते हैं।
जिंदगी के रंगमंच में हम हर किरदार जीते हैं,
और असली किरदार को हम अनदेखा कर देते हैं।
इस नए साल में हम कुछ नया करें,
छोटी-छोटी खुशियों को जीना शुरू करें।
कल को कल पर छोड़ दीजिए,
आज मैं अपने को जी लीजिए।
जिंदगी और कुछ भी नहीं,
दो पल का मेला है।
जो जितना देखेगा,
वह उतना खुश रहेगा।
जो जितना लेगा,
वह उतना दुखी रहेगा।
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