...

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एक मुलाक़ात ख़ुद से भी ..
समझाने वाले बहुत हैं ,
समझने वाले कम हैं ,
परेशनियाँ गिनवाने वाले बहुत हैं ,
उन परेशानियों का समाधान बताने वाले कम हैं ,
पीछे पीछे दूसरों के चलने वाले बहुत हैं ,
वो पहला कदम उठाने वाले कम हैं ,
खुद के लिए तो हर कोई लड़ लेता है ,
जरूरतमंदों के लिए आवाज़ उठाने वाले कम हैं ,
दूसरों पर उँगलियाँ उठाने वाले बहुत हैं ,
खुद में ग़लतियाँ ढूँढने वाले कम हैं ,
चाहते हैं समाज को इस देश को बदल देना लेकिन
खुद में बदलाव लाने वाले कम हैं ,
सुधार लेंगे दुनिया को भी पहले ज़रा शुरुआत खुद से करें ,
हज़ारों लाखों ग़लतियाँ भी निकाल लेंगे दूसरों की
पहले ज़रा मुलाक़ात खुद से करें !!