...

10 views

एक ख़्वाहिश
जाने से पहले, मेरी मज़बूरी भी सुनकर जाना
क्यों तुम्हारे वक्षस्थल को मैं इतना चाहती हूँ
शाम ढलते ही आती है बेशुमार याद तुम्हारी
बस...