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माँ.......
अपनी माँ की आँखों मे,
मैंने धुप को जलते देखा है।
बेबस सी काठ के हृदय शिला को,
मैंने रोज़ पिघलते देखा है।
नीर ना सावन मैं भी इतना,
उसकी आँखों मे समंदर देखा है।
लड़ती है हर पल जिससे वो,
वो दुविधाओं का बवंडर देखा है।
है तामस उसके जीवन मे,
पर उसके ह्रदय मे मैंने,
दीपक जलते देखा है।
है काँटों से भरी उसकी हर डगर,
पर मैंने उससे,
मुस्कराकर चलते हुए देखा है।
जिसके हाथो मे समाई लाखो दुविधा,
उसके हाथों मे वो रेखा है।
पर फिर भी हर मुश्किल से झूझते,
हर विधा मे उसको देखा है।
जीवन मे सुख दुख तो है,
पर हर पल को जीकर ख़ुश होना,
मैंने अपनी माँ से ही सीखा है।
जो बदल सकती है मेरी किस्मत,
मेरी माँ मेरे लिए वो रेखा है।
#maa #loveyoumomdad #happymothersday
❤❤❤❤❤
© sumit123
मैंने धुप को जलते देखा है।
बेबस सी काठ के हृदय शिला को,
मैंने रोज़ पिघलते देखा है।
नीर ना सावन मैं भी इतना,
उसकी आँखों मे समंदर देखा है।
लड़ती है हर पल जिससे वो,
वो दुविधाओं का बवंडर देखा है।
है तामस उसके जीवन मे,
पर उसके ह्रदय मे मैंने,
दीपक जलते देखा है।
है काँटों से भरी उसकी हर डगर,
पर मैंने उससे,
मुस्कराकर चलते हुए देखा है।
जिसके हाथो मे समाई लाखो दुविधा,
उसके हाथों मे वो रेखा है।
पर फिर भी हर मुश्किल से झूझते,
हर विधा मे उसको देखा है।
जीवन मे सुख दुख तो है,
पर हर पल को जीकर ख़ुश होना,
मैंने अपनी माँ से ही सीखा है।
जो बदल सकती है मेरी किस्मत,
मेरी माँ मेरे लिए वो रेखा है।
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