...

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ग़ज़ल : था मिला मुझको वो दफ़तन
था मिला मुझको वो दफ़तन
और चला भी गया दफ़तन
मैं ने सालों नहीं सोचा
और याद आया वो दफ़तन
वैसे मौसम बरसना था
बरसी थी आँखें फिर दफ़तन
थम गई...