...

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मन मंथन
जिंदगी की जद्दोजहद में इस कदर मसरूफ हो चुका हूं
खुद ही को ढूंढने निकला था पर
खुद ही में खो चुका हूं...

मिलेगा अवसर तो तुम्हे बताऊंगा
समय के चक्रयुव्य को भेद कर दिखाऊंगा...

कोई कुछ भी कहे अभी कहने दे
मुझे मुझ ही में खोया रहने दे...

ज्ञान की मशाल से
भीतर के अंधकार को मिट जाने दे
न छेड़ मुझे तू इस कदर
आज हद से आगे बढ़ जाने दे...

मन एकाग्र कर, एकांत मे
आज मन का मंथन हो जाने दे...

अगर मिला विष तो नीलकंठ बन जाऊंगा
यदि ज्ञान अमृत मिल जाए तो
विद्यावान हो जाऊंगा...

और यदि मां लक्ष्मी मिल जाए
तो भवसागर तर...