कितना बदलूं ?
तुम्हे मेरा चेहरा पसंद न था
तो मैंने मेकअप से ढक लिया
तुम्हे मेरे कपड़े पहनने का ढंग रास न आया
तो मैंने पूरा ढंग ही बदल दिया
तुम्हे मेरी बातें बड़ी सीधी और कंटीली लगती थी
तुम्हारे लिए इन्हें भी उलझा लिया
अब तुम कहते हो
मुझमें पहले सी बात नहीं
सोचा फिर से खुद को बदल
पहले सा हो जाएं
क्योंकि पहले कैसे थे, ये याद ही नहीं
तो अब खुद को बदल पाना मुश्किल लगता है
एक काम किया जा सकता है
इस बार तुम्हारे साथ को बदल
खुद के साथ रहना, चुन के देख लेते हैं।
© Atul Mishra
#kalammishraki
तो मैंने मेकअप से ढक लिया
तुम्हे मेरे कपड़े पहनने का ढंग रास न आया
तो मैंने पूरा ढंग ही बदल दिया
तुम्हे मेरी बातें बड़ी सीधी और कंटीली लगती थी
तुम्हारे लिए इन्हें भी उलझा लिया
अब तुम कहते हो
मुझमें पहले सी बात नहीं
सोचा फिर से खुद को बदल
पहले सा हो जाएं
क्योंकि पहले कैसे थे, ये याद ही नहीं
तो अब खुद को बदल पाना मुश्किल लगता है
एक काम किया जा सकता है
इस बार तुम्हारे साथ को बदल
खुद के साथ रहना, चुन के देख लेते हैं।
© Atul Mishra
#kalammishraki