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तेरी याद मुझे अभी भी आती है।
#त्रिभ्यूट_इन_इंक
यह पूरी तरह से काल्पनिक है ।

तेरी याद मुझे अभी भी आती है।तेरे साथ उस बड़े से जामुन के पेड़ पर चढ़ना,खेतो से मूली चुराना,साथ में पतंग उड़ाना,या हो होली पर एक दूसरे को रंग लगाना हर चीज में तेरी याद आती है।
मुझे नहीं पता तू कहा है ,पर 'तू खुश है' इतना जरूर पता है।मेरे साथ खेलना,वो अजीबो गरीब शरारते करना क्या इन सब की याद तुझे नहीं आती है।
मैं एक दिन तुझसे जरूर मिलूंगा लेकिन तू मुझे क्या पहचान पाएगी।अगर पहचान जाएगी तो गुस्सा और दुखी हो जाएगी।दुखी का पता है पर गुस्सा?
क्योंकि अमीरी में उसका बाप Godzilla था और मै बहुत ही मामूली ।उसकी ज़िन्दगी खुशहाल बनाने के लिए मुझे क्या पता था कि मुझे अपनी खुशी भी देनी पड़ेगी।

उसके मां-बाप बात कर रहे थे कि "अब हमे यहां से जाना होगा।"मैने बाते सुन ली थी ,तो सोचा "मुझसे जुदा होगी ,तो वो बहुत रोएगी।वो ना रोए मैं ही गुस्सा हो जाऊंगा।
फिर आयि वो वैसे ही हस्ते-गाते,bell बज गई लगता है जितना पास आती थी ∝ उतना ही bell बजता।
पर इस बार इस को समझा दिया था।में दुखी था फिर भी चेहरे से मुस्कुराहट दिखा दिया था।कह दिया था अगर दुखी करूंगा तो खुशी रह पाएगी।
साथ में उस दिन खेले दोनो।
सोचा कि अब में कुछ भी करूंगा जिससे वो बहुत दुखी हो जाए और मुझे भूल जाए,पर वहीं शांत होकर के बोली "मुझे जाना है यहां से"।
मैं हैरान हुआ अंदर ही अंदर पर कहा " चलो! कल से तुम्हारी सूरत तो नहीं देखूंगा।वैसे भी मैं बहुत पक गया था तुम्हारे साथ खेल कर।"वो लड़की बहुत दुखी थी गुस्सा थी।
मेरी नज़र उसके हाथ पर गई ,उसने यह दिन को यादगार बनाने के लिए एक दिल वाली locket खरीदी थी। मैने वो locket लिया और तोड़ दिया।फिर वो चली गई,बिना कुछ कहे।

मैं कहना चाहता था उसे बहुत कुछ पर का नहीं सका। locket का आधा हिस्सा अभी भी मेरे पास है।पर वो नहीं है।
उसे याद करता हूं ,मैं अब तक।लेकिन कहते है अंधेरे के बाद ही उजाला आता है,तो वो भी जब मुझसे मिलेगी तो गुस्सा ,दुखी हुई हो पर खुश भी हो जाएगी।
कभी-कभी इंसान अपनी ही खुशी देखता है जिस कारण वो अपनो की खुशी भूल जाता है ।
वैसे तो हमे मुस्कुराते रहना चाहिए शरीर और मन के लिए अच्छा होता है,पर जब अपनों की खुशी की बात आती है।तो यह खुशी दुगनी हो जाती है।

आप सब का तहे दिल से शुक्रिया 🙏🙏🙏 इसे पूरा पढ़ने के लिए।
© RR_बेजान