रू ब रू
कभी आकर मिलो तो दिल की तन्हाई ना हों
ए खुदा ज़माने में किसी की ऐसी जुदाई ना हो
सब्र छूटा दिल ये टूटा कही ये उसकी बेवफाई ना हो
है मेरा वो मेहबूब उसकी कभी जगहसाई ना हो
कैसा खुदा तू गर तेरे करतब में करिश्माई ना हों
वस्ल की...
ए खुदा ज़माने में किसी की ऐसी जुदाई ना हो
सब्र छूटा दिल ये टूटा कही ये उसकी बेवफाई ना हो
है मेरा वो मेहबूब उसकी कभी जगहसाई ना हो
कैसा खुदा तू गर तेरे करतब में करिश्माई ना हों
वस्ल की...