बारिश (मेरा सुकून)
किसी ने हमसे पूछा कि क्या है इन बारिशों में
जिनके आते ही तुम झूमने लगती हो
और आखिर कहाँ चला जाता है तुम्हारा दिल
जो तुम चारों ओर ढूंढने लगती हो
हम मुस्कुराए और कहा क्या नहीं है
ये बारिश हर साल याद से मेरे पास आती है
बिना पूछे मुझे भिगाकर अपना हक जताती है
आने से पहले धीमी मंद हवा से संदेश भी भिजवाती है
वो हवा मेरे पास आकर हमें बाहें खोल कर अपनाती है
आते ही एक लंबी गहरी सांस लेने...
जिनके आते ही तुम झूमने लगती हो
और आखिर कहाँ चला जाता है तुम्हारा दिल
जो तुम चारों ओर ढूंढने लगती हो
हम मुस्कुराए और कहा क्या नहीं है
ये बारिश हर साल याद से मेरे पास आती है
बिना पूछे मुझे भिगाकर अपना हक जताती है
आने से पहले धीमी मंद हवा से संदेश भी भिजवाती है
वो हवा मेरे पास आकर हमें बाहें खोल कर अपनाती है
आते ही एक लंबी गहरी सांस लेने...