...

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खुले जख्म
खुले खुले से है आज जज्बात
सिली सिली कुछ दिल की बात,
जल रहा हूं बहुत अपने अंदर
राख हो रही मेरी कायनात ।

क्यों सिले से ये लब है मेरे,
क्यों दिल की खुली सिलाई है ?
क्यों कर के ये वक्त है आया..,
क्या करी ऐसी मैने बुराई है ??
©®@Devideep3612
जल चुके है वो, शमशानों में खुले
दिल बना गया मेरा कब्रगाह...