दुरिया
मौसम था सुहाना, प्यारे थे हम,
बढ़ जाएगी दुरिया, तोड़ के कसम।
कसम थी साथ निभाने की,
पीछे ही रह गए हम।
चाह थी हमराह होने की,
अकेले ही रह गए हमारे गम।
गम भी दिए ऐसे की,
थम गए हमारे कदम।
परछाई भी न रही पीछे,
इतना अन्यायी था आपका अहम।
मौसम था सुहाना,प्यारे थे हम,
बढ़ जाएगी दुरिया,तोड़ के कसम।
वादा किया था साथ जीने-मरने का,
मर तो हम गए, छीन भी गया जीने का भ्रम।
वजूद ही मिट गया, इस एक लम्हे से,
ना रही कोई कसम,
रह गया बस गहरा जख्म।
@piyu #love u jindagi #duriya
बढ़ जाएगी दुरिया, तोड़ के कसम।
कसम थी साथ निभाने की,
पीछे ही रह गए हम।
चाह थी हमराह होने की,
अकेले ही रह गए हमारे गम।
गम भी दिए ऐसे की,
थम गए हमारे कदम।
परछाई भी न रही पीछे,
इतना अन्यायी था आपका अहम।
मौसम था सुहाना,प्यारे थे हम,
बढ़ जाएगी दुरिया,तोड़ के कसम।
वादा किया था साथ जीने-मरने का,
मर तो हम गए, छीन भी गया जीने का भ्रम।
वजूद ही मिट गया, इस एक लम्हे से,
ना रही कोई कसम,
रह गया बस गहरा जख्म।
@piyu #love u jindagi #duriya
Related Stories