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बिखरे सपने
कविताएं इस लिए नहीं लिखती
की मैं प्रेम में हूं
या मुझे
कवि बनना है
या सराहना के
कुछ अल्फाज ढूंढती हूं
मैं लिखती हूं
ताकि ज़िंदा रह सकूं
जी सकूं
और
और वो सब
भूल सकूं
जो जिया था
जो जीना चाहा था
जिसके ख्वाब देखे थे
और जिनके बिखरने से
एकदम अचानक
मैं भी बिखर गई
खुद को समेटने की कोशिश हैं
ये कविताएं
© life🧬
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