दर्द
आपकी याद तो नहीं लेकिन ।
कोई पिघला है दर्द आँखों से ।।
एक दर्द-ए-एहसास जिसे कह न पाऊं कहीं ।
गुज़रते वक़्त की मानिंद गुज़र न जाऊं कहीं ।।
ज़िंदगी तुझसे यहाँ कौन कटा होता है ।
दर्द हर सांस के हिस्से में बंटा होता है ।।
ज़ख़्म नासूर करके रखते हैं ।
दर्द की हम दवा नहीं करते ।।
इनका एहसास खूब होता है ।
दर्द इतने बुरे नहीं होते ।।
...
कोई पिघला है दर्द आँखों से ।।
एक दर्द-ए-एहसास जिसे कह न पाऊं कहीं ।
गुज़रते वक़्त की मानिंद गुज़र न जाऊं कहीं ।।
ज़िंदगी तुझसे यहाँ कौन कटा होता है ।
दर्द हर सांस के हिस्से में बंटा होता है ।।
ज़ख़्म नासूर करके रखते हैं ।
दर्द की हम दवा नहीं करते ।।
इनका एहसास खूब होता है ।
दर्द इतने बुरे नहीं होते ।।
...