मानवता... !!!
इंसान का सच्चे अर्थों में इंसान होना ही मानवता हैं. इंसानियत के धर्म के कायदे से ही एक व्यक्ति दुसरे से प्रेम करता हैं.
भले ही आज हमारा विश्व तेजी से आगे बढ़ रहा हैं मगर हम अपना मानवीय धर्म मानवता को निरंतर पीछे छोड़े...
भले ही आज हमारा विश्व तेजी से आगे बढ़ रहा हैं मगर हम अपना मानवीय धर्म मानवता को निरंतर पीछे छोड़े...