बाबा ❤️🌏
संभलें ना थे क़दम कभी आज़ उन्हें बड़े होले से रखतीं हूं
टोका नहीं कभी किसी ने
आज़ अपनी मासुमियत पर रूखे लहजों से डरती हूं
बड़ी रंगरेज है यें दुनिया बाबा
मैं फ़िर कुछ रंग बचपन के चाहतीं...
टोका नहीं कभी किसी ने
आज़ अपनी मासुमियत पर रूखे लहजों से डरती हूं
बड़ी रंगरेज है यें दुनिया बाबा
मैं फ़िर कुछ रंग बचपन के चाहतीं...