काश तू हकीकत में होती..... और जिंदगी मेरी गुलजार होती
काश तू हकीकत में होती
ख्वाबों में देखने की फिर
कोई जहोदत नहीं होती,
जब चाहे तब निहार लेता
जितना चाहे उतना प्यार कर लेता
बाहों में तुझको फिर समा लेता,
तू संग मेरे सुबह-शाम होती
तब मेरी सिर्फ अच्छी नहीं रात होती...
ख्वाबों में देखने की फिर
कोई जहोदत नहीं होती,
जब चाहे तब निहार लेता
जितना चाहे उतना प्यार कर लेता
बाहों में तुझको फिर समा लेता,
तू संग मेरे सुबह-शाम होती
तब मेरी सिर्फ अच्छी नहीं रात होती...