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अनजाना जीवन...
ख्वाहिशों से दूरियां बढ़ी
अब शायद खुद से दूर हो गया हूं
अनजाना़ सा डर फिर वहीं
अब शायद खुद संभले या नहीं
कोशिशों से दूरियां कम नहीं
अब शायद पहले सा कुछ संभव नहीं
बंद से हैं यादों के झरोखें वहीं
अब शायद खत्म सी हो जिंदगी यही
© khushaboo
अब शायद खुद से दूर हो गया हूं
अनजाना़ सा डर फिर वहीं
अब शायद खुद संभले या नहीं
कोशिशों से दूरियां कम नहीं
अब शायद पहले सा कुछ संभव नहीं
बंद से हैं यादों के झरोखें वहीं
अब शायद खत्म सी हो जिंदगी यही
© khushaboo
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