...

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उफ़ ये बेटियाँ
उफ़ ये बेटियाँ ,
मासूम सी ये बच्चियाँ,
आरजूओ से दिलेर हैं ,
समाज से तंग ये बेटियाँ ,
गुलाब की ये पखुङिया ,
उफ़ ये बेटियाँ ।
आँसूओं की कहानियाँ,
सब ये जानता जमाना,
फ़िर क्यो बेबश हैं,
ये नादान बेटियाँ,
उफ़ ये बेटियाँ ।
हर एक ज़बान पर,
सही -गलत हैं बेटियाँ,
काँच सा अक्स हैं,
पत्थर सी हैं ये बेटियाँ ,
उफ़ ये बेटियाँ ।
"माँ "...