...

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कुछ बातें
कभी हमें जो कुछ हो गया,
तो कुछ वक्त के लिए ही सही
मेरे अपने दुखी हो जाएंगे,
टूटेंगे बिखरेंगे मगर
फिर एक बार संभल जाएंगे
शायद मैं रहु सामने लेकिन
कुछ कह ना पाऊं,
चाह कर भी जो उन्हें छू ना पाऊ।
उनके आंसुओं को पोंछ न पाऊ
मगर शायद मैं भी टूट कर बिखर जाऊं,
फिर नियति मान कर उस ईश्वर की मैं भी
सब कुछ स्वीकार कर लूं,
लेकिन कुछ समय बाद
मेरे चाहने वाले ही मुझे जलाएंगे,
मेरे छुए कपड़ों को घर से बाहर कर आएंगे,
और आएंगे जब गंगा घाट से,
दुख तो बहुत जताएंगे,
मगर बिना नहाये वो घर के
अंदर ना जायेंगे,
मेरा हृदय भी तार तार हो जाएगा,
जब मेरे जाने के बाद मेरी यादों को
भी बाहर कर दिया जाएगा ...!!

© hema singh __