कुछ बातें
कभी हमें जो कुछ हो गया,
तो कुछ वक्त के लिए ही सही
मेरे अपने दुखी हो जाएंगे,
टूटेंगे बिखरेंगे मगर
फिर एक बार संभल जाएंगे
शायद मैं रहु सामने लेकिन
कुछ कह ना पाऊं,
चाह कर भी जो उन्हें छू ना पाऊ।
उनके आंसुओं को पोंछ न पाऊ
मगर शायद मैं...
तो कुछ वक्त के लिए ही सही
मेरे अपने दुखी हो जाएंगे,
टूटेंगे बिखरेंगे मगर
फिर एक बार संभल जाएंगे
शायद मैं रहु सामने लेकिन
कुछ कह ना पाऊं,
चाह कर भी जो उन्हें छू ना पाऊ।
उनके आंसुओं को पोंछ न पाऊ
मगर शायद मैं...