...

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तुम ही मेरी दुनिया हो
आजकल तुम्हारे बिना मुझे कुछ भी
अच्छा नहीं लगता है
जिधर भी देखु एकलौता मुझे
तुम्हारा ही चेहरा नजर आता है।
तू न दुनिया सी बन गयी हो मेरी,
बस गुजारिस है तुमसे दुनिया
की तरह न हो जाना।
ठहरी हुयी सी मेरी एक शाम
हो गए हो तुम बस गुजारिस है ।

तुमसे की तुम कहि ढल
मत जाना क्योकि तुमसे
आगे मैंने देखना अब
छोड़ दिया है तुम तक ही है
मेरा अब जो भी है बिन
तुम्हारे भी चलना मैं अब छोड़ दिया है।

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