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ज़िन्दगी के नए उसुल
अब हमें अपनी जिंदगी में ये उसुल अपनाने है. किसी से उम्मीद नहीं रखनी , किसी पर हद से ज्यादा यकीन नहीं करना , दिल की बात हर किसी को नहीं बतानी, अकेले रहना और हर हाल में खुश रहना , देख लिया ये मतलबी दुनिया को भरोसे के लायक नहीं, चुप हुं,बेबकूफ नहीं, थोड़ी सी बेचैन हुं अभी, पर अंधी नहीं , देख सकती हुं कौन क्या है, समझ सकती हूं कौन कैसा है, नारी हुं , पर बेचारी नहीं, बुरा नहीं चाहते किसी का , पर कोई हमें चोट पहुंचाए , और हम चोट खाते जाएं ,इतने हम महान नहीं , क्योंकि जनाब हम इंसान हैं , नहीं है भगवान कोई, समझ आ गया इस दुनिया के लोग भरोसे के लायक नहीं, अरे नारी का सम्मान नहीं कर सकते तो कम से कम उसके आत्म सम्मान को ठेस तो न पहुंचाए, तुम नहीं जानते सकते उसने तुम पर दुनिया से दर्द और धोखा मिलने के बाद भी भरोसा किया और तुमने क्या किया प्यार के नाम पर उसके ही आत्म सम्मान से खिलबाड़ करने लगे, अगर तुम सच में एक लड़की से सच्ची मोहब्बत करते ना तो उसकी इज्जत कि रक्षा करते न कि उसको कपड़े उतारने को कहते,आज हमें शर्म आती है कि हम इस समाज में रह रहे हैं...