मेरे इश्क का फसाना...
हमारी ही मुहब्बत हमसे सफाई मांगती है,
मेरी मुस्कुराहट ही अब हमसे दवाई मांगती है।
तुम्हारी चाहत से ही हमको जीने की तमन्ना जगी है,
नजर भी हमसे तुम्हारे इश्क की दुहाई मांगती है।।
जुदा तुमसे एक पल भी न रह पाऊंगा,
ये सितम भी अब...
मेरी मुस्कुराहट ही अब हमसे दवाई मांगती है।
तुम्हारी चाहत से ही हमको जीने की तमन्ना जगी है,
नजर भी हमसे तुम्हारे इश्क की दुहाई मांगती है।।
जुदा तुमसे एक पल भी न रह पाऊंगा,
ये सितम भी अब...