कहां से आता है
तेरे नूर के आगे कोहिनूर
भी फीका पड जाता है
बताओ न तुम्हारे पास
इतना हुस्न कहा से आता है
नही जचता इन आंखो को
तेरे सिवा कोई और यहाँ
तुम्हे इतना सजना संवरना
कहाँ से...
भी फीका पड जाता है
बताओ न तुम्हारे पास
इतना हुस्न कहा से आता है
नही जचता इन आंखो को
तेरे सिवा कोई और यहाँ
तुम्हे इतना सजना संवरना
कहाँ से...