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बच्चे #children's day
#ChildrensDay
दुनिया की गहमा गहमी से परे, जिनकी अलग एक दुनिया हो, वो बच्चे होते हैं..
माटी को समझ के चंदन, तन बदन पर मलते रहते हो, वो बच्चे होते हैं..
अपने -पराये के भेद से परे, बैर भाव से जिनकी दूरियां हो, वो बच्चे होते हैं..
धरा को समझ के घर आंगन, नंगे पांव चलते रहते हो, वो बच्चे होते हैं..
उदासी के आलम में भी, हर किसी को हंसाते रहते हो, वो बच्चे होते हैं..
धन -दौलत के लोभ से परे, पर खुद की नाव चलाते रहते हो, वो बच्चे होते हैं..
नफरत के बीज न बोकर, सबको प्रेम भाषा सिखाते हो, वो बच्चे होते हैं..
फैला है चारों तरफ छल कपट,जो मन के खरे रहते
हो, वो बच्चे होते हैं..
दुनिया की गहमा गहमी से परे, जिनकी अलग एक दुनिया हो, वो बच्चे होते हैं..
© Naren07