निकलेंगे आज रावण कितने इक रावण जलाने को
निकलेंगे आज रावण कितने इक रावण जलाने को
पहन के चोला राम नाम फिर मर्यादा बचाने को
ये मानस शिक्षित,सभ्य,कुलीन आँखें जिनकी अंगारे हैं
सुनी नहीं वो रुदन ध्वनि जो चीखी लाज बचाने को
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पहन के चोला राम नाम फिर मर्यादा बचाने को
ये मानस शिक्षित,सभ्य,कुलीन आँखें जिनकी अंगारे हैं
सुनी नहीं वो रुदन ध्वनि जो चीखी लाज बचाने को
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