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💔खुद़गर्ज-इश़्क💔
मुझे मालूम है तू कल भी प्यार करती थी हमसे,
तू आज भी प्यार करती है हमसे।
तेरा प्यार कल भी मतलवी था,
तू आज भी मतलवी है कसम से।
सुना है बेवफ़ाई का तुझको मैडल मिला है,
अच्छा किया तूने पीछा छुड़ा के हमसे।
ख़ुदग़र्ज़ इश्क की जरूरत न कल थी न आज है,
बहुत चाहने वाले हैं 'यात्री' के ख़ुदा के कर्म से।।
- रविकांत 'यात्री'-
तू आज भी प्यार करती है हमसे।
तेरा प्यार कल भी मतलवी था,
तू आज भी मतलवी है कसम से।
सुना है बेवफ़ाई का तुझको मैडल मिला है,
अच्छा किया तूने पीछा छुड़ा के हमसे।
ख़ुदग़र्ज़ इश्क की जरूरत न कल थी न आज है,
बहुत चाहने वाले हैं 'यात्री' के ख़ुदा के कर्म से।।
- रविकांत 'यात्री'-
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