शहर कलकत्ता
बारिश से भीगे रास्ते,
उस पर चमकते पीले बल्ब की रोशनी
भीगी–भीगी सी महक
आती जाती पीली टैक्सी
पीछे बजता रविन्द्र गीत
सुकून कहीं हुगली की छोर
उस पर तैरता चप्पू एक ओर
हावड़ा का नज़ारा ।
मां...
उस पर चमकते पीले बल्ब की रोशनी
भीगी–भीगी सी महक
आती जाती पीली टैक्सी
पीछे बजता रविन्द्र गीत
सुकून कहीं हुगली की छोर
उस पर तैरता चप्पू एक ओर
हावड़ा का नज़ारा ।
मां...