तू तराश
तू तराश मुझें मेरे
"मौला "
जितना तराशना है
मुझें क्या ख़बर
किस वक़्त
किस तरह जीना है
ज़िन्दगी है इक़ ज़हर
ये ज़हर
ज़िन्दगी का मुझें
किस तरह और
कितना-कितना
कब कैसे पीना है।
© अनिल अरोड़ा "अपूर्व "
"मौला "
जितना तराशना है
मुझें क्या ख़बर
किस वक़्त
किस तरह जीना है
ज़िन्दगी है इक़ ज़हर
ये ज़हर
ज़िन्दगी का मुझें
किस तरह और
कितना-कितना
कब कैसे पीना है।
© अनिल अरोड़ा "अपूर्व "