तेरा होने नहीं देती
मैं लड़का हूं यही बातें मुझे रोने नहीं देती,
ये दुनिया है बड़ी ज़ालिम तेरा होने नहीं देती।
पूरे दिन मैं पढ़ता हूं किताबों के महल में पर,
वो घर की याद ही है रात को सोने नहीं देती।
करना काम चाहूं मैं भले हूं मैं...
ये दुनिया है बड़ी ज़ालिम तेरा होने नहीं देती।
पूरे दिन मैं पढ़ता हूं किताबों के महल में पर,
वो घर की याद ही है रात को सोने नहीं देती।
करना काम चाहूं मैं भले हूं मैं...