...

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फिर से

आज फिर से उधार मांगा है ज़िंदगी अपनी उनसे
कह कर चले गये जो कि-तुम मेरा इंतज़ार करना

अब तो बीत गये पतझड़ कई और वो तो न लौटे
रहते हैं जो हर पल हृदय में उनसे अब क्या कहना

कुछ बोले नहीं वो सुन कर भी मन की आवाज़
हे! हृदय...