...

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एक नन्हा सा परिन्दा
एक नन्हा सा परिन्दा उड़ा आसमां मैं
ना मिला उसे कोई अपना इस संसार में

वो बैचारा उड़ता गया आसमां मै
एक दिन उसे मिला फरिस्ता इस संसार में

वो पूछ बेठा उस फरिस्ते से
क्यों नहीं बनाया मेरा रिश्ता इस संसार में

नन्हे से परिन्दे कि बात सुन रुका फरिस्ता
और बोला हर एक का बना हे रिश्ता इस संसार मे

माँ बाप का ही तो रिश्ता हे इस संसार में
© Ankur tyagi