#सारी बातें समझ जाना तुम#
मैं कुछ कह नहीं पाऊं शायद जुबां से
मेरे दिल की सारी बातें समझ जाना तुम।
मैं सिर्फ इशारा मात्र कर पाऊंगा शायद
पहाड़ी के पीछे बेरी के नीचे मिल जाना तुम।
चांदनी रात में चांद का दीदार हो जाए
फिर बेशक वहीं से उल्टे पांव मुड़ जाना तुम।
मैं इस मिलन को अभी कोई नाम नहीं दुंगा
अगर नामंजूर हो तो मुंह पर ही मुकर जाना तुम।।
मेरे दिल की सारी बातें समझ जाना तुम।
मैं सिर्फ इशारा मात्र कर पाऊंगा शायद
पहाड़ी के पीछे बेरी के नीचे मिल जाना तुम।
चांदनी रात में चांद का दीदार हो जाए
फिर बेशक वहीं से उल्टे पांव मुड़ जाना तुम।
मैं इस मिलन को अभी कोई नाम नहीं दुंगा
अगर नामंजूर हो तो मुंह पर ही मुकर जाना तुम।।