मेरे दिल में
कोई तो चाहे मुझे, कोई तो आये मेरे दिल में,
बुझ चुकी चाहत की शमाँ, फिर जलाये मेरे दिल में,
सदियों से वीरान पड़ा है, मेरे दिल का आशियाना,
कोई तो सजाकर अपना आशियाना, बनाये मेरे दिल में !!
दर्द मेरे दिल से अब संभालता नहीं,
जो अटका है आंसू, वो आँखों से निकलता नहीं,
बैठा हूँ...
बुझ चुकी चाहत की शमाँ, फिर जलाये मेरे दिल में,
सदियों से वीरान पड़ा है, मेरे दिल का आशियाना,
कोई तो सजाकर अपना आशियाना, बनाये मेरे दिल में !!
दर्द मेरे दिल से अब संभालता नहीं,
जो अटका है आंसू, वो आँखों से निकलता नहीं,
बैठा हूँ...