"यूं ईमान तो ना छोड़ो"
मंजिल-ए-अरमां को यूं, वीरान तो ना छोड़ो,
शोरीदा होकर, यूं ईमान तो ना छोड़ो ,,
......
माना की मसाइब, जिंदगी में, कई आएंगे मगर,
सिफत पर अपनी, यूं कमान तो ना छोड़ो,,
......
चश्म-ए-यार सेे, तर्क-ए-ताल्लुक तो सही नहीं,...
शोरीदा होकर, यूं ईमान तो ना छोड़ो ,,
......
माना की मसाइब, जिंदगी में, कई आएंगे मगर,
सिफत पर अपनी, यूं कमान तो ना छोड़ो,,
......
चश्म-ए-यार सेे, तर्क-ए-ताल्लुक तो सही नहीं,...