एक सलाह, नेक सलाह!
बेवजह परेशान हैं जो वो,
खुद को पत्नी पीड़ित कहते हैं।
जो खुद जीना चाहते पर,
अपनी पत्नी संग नही जीते है।।
वो खुल कर कह पाते नही,
कि तू ही तो मेरी वंदनीय है।
तेरे बिन जीना तो छोड़ मेरा,
मर जाना भी जग निंदनीय है।।
यह सोम मंगल बुध बेफे,
रहे शुक्र या शनिवार के दिन।
पिसती रहती है सदा ही,
हर तीज और त्योहार के दिन।।
मेरे संग ले तू भी छुट्टी,
जब-जब आ जाता इतवार जी।
उस दिन घरेलू काम छोड़,
तूम बन जाना मेरी सरकार जी।।
खाना बनाना और मांजना,
छोड़ खाएं फ़ास्ट फ़ूड हम भी।
तू हीर मेरी मैं तेरा रांझणा,
न प्यार होगा अपना कम भी।।
और बाकी के...
खुद को पत्नी पीड़ित कहते हैं।
जो खुद जीना चाहते पर,
अपनी पत्नी संग नही जीते है।।
वो खुल कर कह पाते नही,
कि तू ही तो मेरी वंदनीय है।
तेरे बिन जीना तो छोड़ मेरा,
मर जाना भी जग निंदनीय है।।
यह सोम मंगल बुध बेफे,
रहे शुक्र या शनिवार के दिन।
पिसती रहती है सदा ही,
हर तीज और त्योहार के दिन।।
मेरे संग ले तू भी छुट्टी,
जब-जब आ जाता इतवार जी।
उस दिन घरेलू काम छोड़,
तूम बन जाना मेरी सरकार जी।।
खाना बनाना और मांजना,
छोड़ खाएं फ़ास्ट फ़ूड हम भी।
तू हीर मेरी मैं तेरा रांझणा,
न प्यार होगा अपना कम भी।।
और बाकी के...