...

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इश्क
इश्क कोई करता है खुद से,
कोई किसी से करता इश्क,
इश्क कभी लड़ता है सबसे,
कभी सभी से डरता इश्क!

इश्क किसी की सज़ा-ए-आफ्ता,
किसी की है आज़ादी इश्क,
किसी को ये दे देता सब कुछ,
किसी की है बरबादी इश्क!

इश्क कभी सख़्ती पहाड़ सी,
कभी बादल सा मुलायम इश्क,
कभी तो ये पल भर में बदले,
कभी एक पर कायम इश्क!

इश्क की कभी कोई उम्र नहीं,
कभी बचपन में होता इश्क,
कभी तो ये हँसता है खुल कर,
कभी बस मन में रोता इश्क!

इश्क कभी बारिश का पानी,
कभी धूप की गरमी इश्क,
कभी झिझक में रहता है ये,
कभी कभी बेशर्मी इश्क!

इश्क किसी की बीमारी है,
कभी कोई इलाज है इश्क,
किसी का है जग भर में चर्चा,
कभी किसी का राज़ है इश्क!

इश्क में कोई कभी हारता,
कभी कोई जीता है इश्क,
कोई संभल जाता है इसमें,
कोई रोज़ पीता है इश्क!

इश्क के हैं ये कितने पहलू ,
दुनिया का हर रंग है इश्क,
कभी अथाह शांति है इसमें,
कभी भयंकर जंग है इश्क!
© Shivaay