...

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लौट आएं
लौट आएं वो हसीं,
लौट आएं वो खुशी,
जो कहीं खो गईं है,
बदलते वक्त के साथ सो गई है;

बिन बात खिलखिलाकर हंसना मेरा,
बड़ा याद आता है वो मुस्कुराता चेहरा;
जिस पर ना था कोई गम है ठहरा,

ढूंढ रहा हूं!
उसे अब समझदारी के बोझ तले,
पर लगता है अब वो ना मिले;

लोग मिल जाते हैं खोकर सालों बाद,
बस मेरी हसीं को नहीं रहा याद,
बस! मेरी खुशी को न रहा याद;

लौट आएं वो हसीं,
लौट आएं वो खुशी,
जो सहर के जादू-सी थी;
वहीं रात होने पर ओस के आबू-सी थी।