हुस्न की अदा
"चाहत की चाँदनी से महकते अल्फाज़ मेरे
तेरे हुस्न-ए-मुस्कान से बहकते ज़ज्बात मेरे"
क़ायनात का ख़ूबसूरत एहसास छुना तेरा
ख़्याल, ख़्वाब, हर जगह बस ज़िक्र तेरा
इबादत, आदत, ख़्वाहिश, सब तू ही मेरा
रब, जहन, मन, लबों की मुस्कान तू ही मेरा!!
© कृष्णा'प्रेम'
तेरे हुस्न-ए-मुस्कान से बहकते ज़ज्बात मेरे"
क़ायनात का ख़ूबसूरत एहसास छुना तेरा
ख़्याल, ख़्वाब, हर जगह बस ज़िक्र तेरा
इबादत, आदत, ख़्वाहिश, सब तू ही मेरा
रब, जहन, मन, लबों की मुस्कान तू ही मेरा!!
© कृष्णा'प्रेम'
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