स्त्री
स्त्री जब खुद के लिए जीना
शुरू कर देती है
स्त्री जब खुद के लिए सोचना
शुरू कर देती है
स्त्री जब खुद के लिए
उठाती है कोई कदम
तो वो विद्रोही, बागी
और चरित्रहीन हो जाती है
समाज की नज़रों में
© Seema Ke Alfaaz
शुरू कर देती है
स्त्री जब खुद के लिए सोचना
शुरू कर देती है
स्त्री जब खुद के लिए
उठाती है कोई कदम
तो वो विद्रोही, बागी
और चरित्रहीन हो जाती है
समाज की नज़रों में
© Seema Ke Alfaaz
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