एक कैद पंछी है तू........
एक कैद पंछी है तू,
ज़ंज़ीरो से बंधी हुई है तू।
निराश न हो तू,
होगा वो आसमान तेरा।
रात है अंधेरी,
तो उसे प्रकाशित कर
बीत...
ज़ंज़ीरो से बंधी हुई है तू।
निराश न हो तू,
होगा वो आसमान तेरा।
रात है अंधेरी,
तो उसे प्रकाशित कर
बीत...