...

4 views

चाहता हूँ कि तू जुदा ही रहे
चाहता हूँ कि तू जुदा ही रहे
ये मोहब्बत मुझे सज़ा ही रहे

जानता हूँ तिरी जफ़ाएँ मगर
चाहता हूँ जफ़ा-कफ़ा ही रहे

ये मोहब्बत जो मुब्तला है मुझे
सोचता हूँ तुझे जज़ा ही रहे

चुप हूँ मैं यार सोचकर के यही
है मोहब्बत, तो इंतिहा ही रहे
© Lekhak Suyash

#lekhaksuyash