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चाहता हूँ कि तू जुदा ही रहे
चाहता हूँ कि तू जुदा ही रहे
ये मोहब्बत मुझे सज़ा ही रहे
जानता हूँ तिरी जफ़ाएँ मगर
चाहता हूँ जफ़ा-कफ़ा ही रहे
ये मोहब्बत जो मुब्तला है मुझे
सोचता हूँ तुझे जज़ा ही रहे
चुप हूँ मैं यार सोचकर के यही
है मोहब्बत, तो इंतिहा ही रहे
© Lekhak Suyash
#lekhaksuyash
ये मोहब्बत मुझे सज़ा ही रहे
जानता हूँ तिरी जफ़ाएँ मगर
चाहता हूँ जफ़ा-कफ़ा ही रहे
ये मोहब्बत जो मुब्तला है मुझे
सोचता हूँ तुझे जज़ा ही रहे
चुप हूँ मैं यार सोचकर के यही
है मोहब्बत, तो इंतिहा ही रहे
© Lekhak Suyash
#lekhaksuyash
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