शीर्षक- इंसानियत का गिरता स्तर
© शीर्षक- इंसानियत का गिरता स्तर।
इंसान यहाँ हैवान बने हैं,
एक दूजे को लेने प्राण तुले है।
लालच, लोभ, अभिमान के मद में ,
चूर होकर मदमस्त पड़े है।
पैसा - पैसा करके यहाँ पर कितने निर्दोषों की जान ले रहे,
फिर भी दुनिया के लोग ऐसे लोगों को सम्मान दे रहे।
हर दिन...