...

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एक साथ इतने तारे✨🌠

आसमान में एक साथ इतने तारे,
कहां से आरे कहां को जा रहे ।
कोई पूरब में, कोई पक्षिम में,
कोई उत्तर तो, कोई दक्षिण में।
कोई जुगनू जैसा, कोई तेज़ तेज़ टिमटिमा रहे।
एक साथ इतने तारे,
कहां को जा रहे ।

आज बड़े अरसे के बाद हम,
लोटे थे खुले आसमा के नीचे।
आंधी से बत्ती बिगड़ गई और,
हवा लगे हमसे रीझे।
मच्छरदानी टूट गई,
मसा खून पीने आ रहे।
एक साथ इतने तारे,
कहां को जा रहे ।

डाल चटाई छत पे हम,
लोट गए सीधे एकदम।
फिर अम्मा ने कही कहानी,
बोलो जय भोला बम–बम।
कोई पुर–पुर ,
कोई चूर–चूर।
दीमक की खाई दो–तीन खाट,
बैठे ,गिरे , बोली चटर –पटर।
एक कहे रुको हम दूसरे ला रहे।
एक साथ इतने...