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ईश्वर पर अधिकार
#ज्ञानकीफुसफुसाहट

नदी किनारे बैठकर, "भूषण" करे विचार
जीवन नदिया एक से, थमे न इनकी धार।

सतत अनवरत गती से, होय न कोइ विकार
आजीवन गतिशीलता, जीवन का है सार।

मारग हो अति कठिन पर, थमता नहीं प्रवाह
सब बाधाएं चीरकर, स्वयम बनाये राह।

मन में ना आयें कभी, घृणा-क्रोध के ज्वार
अनुपम जीवन के लिये, प्रभु का कर आभार।

रहें नियंत्रण में सदैव, वाणी, हृदय, अहार
विधि के पालन से मिले, जीवन को आधार।

ईश्वर का वरदान नहीं, पा ईश्वर का प्यार
शत करमन ते पाइये, ईश्वर पर अधिकार।।