शायरी#58
थक कर जब
शाम को घर लौटता हूँ
जमाने को कंधों से
उतार कर रखता हूँ
© Spiritajay
शाम को घर लौटता हूँ
जमाने को कंधों से
उतार कर रखता हूँ
© Spiritajay
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