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ज़िन्दगी
ज़िन्दगी में आप गलत है या सही है ये मायने नही रखता,मायने ये रखता है कि जिसे आप प्यार करतें है वो आपको सही समझता है या नही। आज ज़िन्दगी के ऐसे ही मुकाम पर खड़े एक इंसान की दिल की बात मैं लफ़्ज़ों में बयां करने की कोशिश करने जा रहा हूं। उम्मीद है आप सबको पसंद आएगी।

ज़िन्दगी
पल भर की खुशी,
गम जी भर के दिया,
मिला तुझसे कम,
ज्यादा तूने ले लिया।।

अश्कों के साहिल पर,
आशियाना बनाकर,
मुझे ही मेरा,
कातिल कर दिया।।

चाहत के फूल,
सजाये जिस चौखट पर,
उसी दरवाजे को,
बन्द कर दिया।।

माँ का साया छीन,
तोड़े सपने मेरे,
पैरो पर खड़ा हूं,
अपाहिज कर दिया।।

बचाकर रखा दामन को,
सारी जिंदगी हीरे के जैसे,
उसे पल भर में कोयला,
तूने कर दिया।।

दिखी रोशनी जीने की,
आस जगी फिर उठने की,
बुरी आत्माओं के खेल में,
महीनों में ही दूर कर दिया।।

समझा जीतना करीब से,
तुझे मैंने अब तलक,
मेरी होकर भी मुझे,
बदनसीब कर दिया।।

एक ओस की बूंद,
मोती बनने से पहले,
जल्लादों के हवाले,
तूने कर दिया।।

कोई आस दे,
इशारा तो कर,
सांसो की तकदीर,
फकीरी में धर दिया।।

वजह नही है,
तो रुलाया तूने,
वजह जहां है,
सुकून भर दिया।।

रश्मों रिवाज नही कुछ,
असर्फीयों की लूट बस,
हाथ मेरा ज़िन्दगी,
मौत में भर दिया।।


ज़िन्दगी
पल भर की खुशी,
गम जी भर के दिया,
मिला तुझसे कम,
ज्यादा तूने ले लिया।।
ज्यादा तूने ले लिया।।

© RamKumarSingh(राम्या)